ए बेवफा मुझे यकीन नहीं होता दिल में चुभन सी होती है तुम्हारी बातों और वादो को सोचकर गिरकर आंसू आंखों पर सूख चुके होते हैं जब अपनी रुमाल से पूछता हूं
भूल जाना इतना आसान नहीं होता जितना लोग कहते हैं कि उसे भूल जाओ भूलना आसान होता तो कब का भुला दिया होता आजकल ना चाहते हुए भी दिल रोता है