ए बेवफा मुझे यकीन नहीं होता दिल में चुभन सी होती है तुम्हारी बातों और वादो को सोचकर गिरकर आंसू आंखों पर सूख चुके होते हैं जब अपनी रुमाल से पूछता हूं
खुले बालों में तुम्हारा सौंदर्य खुलता है दो जहां में तुमसे सुंदर कोई दूजा नहीं होगा तुम सोचो खुदा ने तुम्हें कितना दिया है मुझे उम्मीद है तुम गरीबों का भी ध्यान रखोगी